चुनावी साल में जमीनों के रेट बढ़ाने में मूड में नहीं सरकार कलेटर गाइडलाइन को लेकर सरकार पसोपेश में राजधानी में विाीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तावित कलेटर गाइडलाइन में जमीनों की दरें 10 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है।

 लेकिन सरकार इस साल कलेटर गाइड लाइन लागू करने के मूड में नहीं है। दरअसल, चुनावी साल में सरकार कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहती है ,जिससे जनता में असंतोष बढ़े। ऐसे में सरकार जमीनों की दरें बढ़ाने से बच रही है। यही कारण है कि इस बार राजधानी में शहरी क्षेत्र को पूरी तरह छोड़ दिया गया है। सिर्फ कुछ लोकेशन में बढ़ोारी की गई हैं, यह वो लोकेशन हैं, जहां पूर्व में बढ़ोारी नहीं की गई थी। ऐसे में प्रस्तावित कलेटर गाइडलाइन में शहरी क्षेत्र को नहीं छेड़ा जा रहा है। प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए विाीय वर्ष 202324 के लिए प्रस्तावित कलेटर गाइडलाइन में महज 100 लोकेशन में बढ़ी दरें प्रस्तावित की गई है। यह वो क्षेत्र हैं, जो नगर निगम सीमा से लगे ग्रामीण इलाके हैं। यहां बढ़ी दरों पर जमीनों की खरीद-फरोत हो रही है। इसी को आधार बनाते हुए 10 फीसदी दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके साथ ही 14 लोकेशन वो हैं, जहां 20 फीसदी तक दरें बढ़ाई जा सकती हैं। अफसरों का तर्क है कि यहां दरें काफी कम हैं और खरीदी अधिक दरों पर हो रही है। बीते दिनों हुई उप जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में पंजीयन विभाग के अफसरों ने प्रस्ताव रखा गया था। पॉलीगोन ड्रॉ में सामने आ रही विसंगति ऐप आधारित कलेटर गाइडलाइन के लिए सब रजिस्ट्रार की तरफ से पॉलीगोन ड्रॉ तैयार किए गए हैं। नगर निगम के वार्ड स्तर पर तैयार किए जा रहे पॉलीगोन (एक ऐसा घेरा जिसमें प्लॉट की चारों दीवारें अंकित होती हैं) में कॉलोनी काटते समय की गईं विसंगतियां सामने आईं हैं। गूगल की मदद से तैयार किए जा रहे पॉलीगोन ड्रॉ में नर्मदापुरम रोड पर ही चार कॉलोनी ऐसी सामने आईं हैं जिनमें कॉलोनी की दीवारें सरकारी नाले तक पहुंच गईं हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये पूर्व की विसंगतियां हैं जो अब पकड़ में आ रही हैं। ऐसे ही अतिक्रमणों की संया बढ़ती है। 10 फीसदी तक बढ़ेंगे जमीन के रेट कलेटर गाइडलाइन में इस बार जमीनों के रेट बढ़ाने का जो प्रस्ताव पंजीयन अफसरों ने तैयार किया है उसमें नए प्रोजेट के साथ दुकानों, मार्केट में अधिक दर पर हुई रजिस्ट्री को भी शामिल किया है। ऐसा करोंद और नीलबड़ क्षेत्र में ज्यादा देखने को मिला है। यहां कलेटर गाइडलाइन से अधिक दर पर बिकी दुकान को आधार बनाकर रेट बढ़ाना प्रस्तावित किए हैं। खास यह है कि मेट्रो प्रोजेट के कारण भी लोगों का मकान का सपना महंगा हो रहा है। दो रूट पर दोनों तरफ जमीन के रेट बढ़ाए जा रहे हैं। पंजीयन विभाग के अफसरों के अनुसार ऐसे ही कुछ क्षेत्रों की कई लोकेशनों पर रजिस्ट्री भी अधिक दरों पर हुईं हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों को नवविकसित क्षेत्र मानते हुए यहां की कई लोकेशनों पर 5 से 10 फीसदी रेट बढ़ाने की तैयारी है। ऐसे ही रायसेन रोड पर भी तेजी से विकास हो रहा है। जाटखेड़ी, मिसरोद, दानिश, कोलार में भी अच्छी खरीद फरोत हुई है, यहां जमीनें पहले से ही काफी महंगी हैं। इस कारण यहां बढ़त कम ही तय की गई है। मेट्रो रेल प्रोजेट जिन वार्डों में स्थित है वहां पर ट्रैक के दोनों तरफ 50 मीटर जगह छोड़कर कई लोकेशनों पर नई दरें प्रस्तावित की जा रही हैं। इससे करीब नौ वार्डों की जमीन के रेट पर असर पड़ेगा। कई क्षेत्रों में रेट ज्यादा शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें जमीनों के रेट में अब सेचुरेशन की स्थिति में है। खरीद फरोत इनमें भी हुई, लेकिन कलेटर गाइडलाइन से थोड़े बहुत अंतर पर सौदे हुए हैं। योंकि पहले ही यहां काफी रेट हैं। ऐसे क्षेत्रों में एनपी नगर, सुभाष नगर, अशोका गार्डन, अरेरा कॉलोनी, लिंक रोड नंबर एक, नर्मदापुरम् रोड, कोलार, टीटी नगर, न्यू मार्केट, कोहेफिजा बीआईपी रोड की प्रॉपर्टी व कई कमर्शियल प्रॉपर्टी भी शामिल हैं। कलेटर गाइडलाइन में पहली बार बैरसिया क्षेत्र की लोकेशन में बढ़ी दरें प्रस्तावित की गई हैं। इसमें लांबाखेड़ा से लगे गांव है। यहां पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण तो हो रहा है। साथ ही बड़ी संया में उद्योग भी लग रहे हैं। 

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